उनकी पूरी तरह से सटीक व्याख्या नहीं की जा सकती उनकी पूरी तरह से सटीक व्याख्या नहीं की जा सकती
और सर्वसम्बधों से प्यार करते हैं...........वह भगवान के प्रिय बनते हैं। और सर्वसम्बधों से प्यार करते हैं...........वह भगवान के प्रिय बनते हैं।
...जिसे अब तक न दे सका ये बेदर्दी संसार..." ...जिसे अब तक न दे सका ये बेदर्दी संसार..."
काका हम लोग यहां टूर पर आए हैं घूमने के लिए हम लोग रॉयल होटल १८९५ में कुछ दिन रुकेंगे । काका हम लोग यहां टूर पर आए हैं घूमने के लिए हम लोग रॉयल होटल १८९५ में कुछ दिन रु...
ओर मैं उसके चहरे को गौर से देखने लगी। ओर मैं उसके चहरे को गौर से देखने लगी।
"तो फिर आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।" "धन्यवाद,चाचाजी।" "तो फिर आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।" "धन्यवाद,चाचाजी।"